सौतेला बेटा और बहु हिंदी कहानी


सौतेला बेटा और बहु 


एक गॉंव में हरी नाम का एक आदमी था और हरी का एक बेटा था जो की उसका नाम राजू था और राजू जो की 8 साल का था, और राजू की माँ बीमार होने के कारण राजू को छोड़ कर चली गई थीं, जो की राजू घर में अकेला रहता था, तब हरी बको बहुत बुरा लगता था और सोचता था, की आज मेरी पत्नी मेरे साथ होती तो मेरा बेटा अकेला नहीं रहता तब एक दिन हरी की मोसी आई और हरी से कहने लगी की हरी तू दूसरी शादी क्यों नहीं कर लेता हैं, तब हरी कहता हैं, की मोसी अभी तो राजू बहुत छोटा हैं, और ये में कैसे कर सकता हूँ, तब मोसी ने कहा की राजू का अकेलापन दूर करने के लिए तुझे करना तो पड़ेगा तो तब राजू ने पूरी रात सोचा और फिर एक दिन हरी ने मोसी से कहा की ठीक हैं, तब मोसी ने कहा की ठीक हैं, में तेरे लिए लड़की देखती हूँ, और मोसी ने एक अच्छी सी लड़की शादी कर दी जो की उस लड़की नाम पायल था, और पायल राजू को अपने लड़के की तरह मानती थी और राजू को माँ की कमी कभी महशूस नहीं होनी दी और राजू स्कूल भी जाने लगता हैं, और फिर हरी के घर में एक बेटी हुई जो की उसका नाम नीतू रखा गया, और फिर राजू जब स्कूल से आता था तो अपनी बहन को खिलता और था जो की पायल घर का सारा काम कर लेती थीं!


और जब रात को सभी लोग खाना खाने लगते हैं, तब अचानक से हरी को दिल का दौरा पड़ता हैं, तब पायल हरी को अस्पताल लेकर जाती हैं, और जैसे ही अस्पताल पहुँचते हैं, तो हरी की सासें रूक जाती हैं, और तब पायल बहुत रोती हैं, और और फिर जब वो लोग घर आते हैं, और जब राजू को इस बात का पता चलता हैं, तो राजू बहुत ही रोता है, तब पायल घर का सारा खर्च सभालती थीं, और फिर कुछ सालों के बाद राजू और माँ नीतू की शादी कर देते हैं, और फिर राजू को एक नौकरी मिल जाती हैं, तब राजू की माँ कहती हैं, की बेटा तू अब शादी कर ले जो की में घर में अकेली नहीं रह पाती हूँ, तब रु कहता हैं, की माँ कुछ सालों तक अभी रुको तब कुछ सालों के बाद राजू ने अपनी पसंद वाली लड़की से शादी कर ली!


जो की राजू की पत्नी का नाम सुहानी था, और जब भी पायल खाना मांगती थी तो सुहानी कहती थीं, की मुझे टाइम नहीं हैं, जाकर ले लो आर जब राजू अपने काम से घर आता था, तब सुहानी माँ के बारे में बहुत बुरा-बुरा बताती थीं, जो की राजू अपनी पत्नी की बातों में आ गया था, और फिर राजू और सुहानी दोनों मिल कर पायल को भला बुरा कहते थे, तब पायल सोचती थी की ये मेरी औलाद नहीं हैं इसलिए एसा कहता हैं, पर क्या करूँ मैंने कभी एसा सोचा भी नहीं था की राजू येसे निकलेगा!